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आज यानि चार मई से लॉकडाउन के तीसरे चरण की शुरुआत हो चुकी है, ये चरण 17 मई तक चलेगा। हालांकि इस बार लॉकडाउन में सरकार ने कुछ राहतें जरूर दी हैं। इससे पहले सरकार ने तीन हफ्तों का एक और दो हफ्तों क दूसरे लॉकडाउन की घोषणा की थी, आइए समझते हैं कि दोनों चरणों में लॉकडाउन से कितना लाभ मिला....
कोरोना के मामलों में वृद्धि
पिछले कुछ दिनों में देश में कोरोना से संक्रमित नए मरीजों की संख्या बढ़ गई है। पहला लॉकडाउन 14 मार्च और दूसरा 3 मई यानि रविवार को खत्म हुआ, इन दोनों चरणों की तुलना करने पर पता चलता है कि दूसरे चरण के अंत में कोविड-19 पॉजिटिव मरीजों के रोजाना के नए मामलों में गिरावट देखने को मिली थी। लॉकडाउन के पहले चरण की शुरुआत में नए मामलों की वृद्धि दर 31 फीसद थी जबकि अंत तक ये वृद्धि दर आकर 16 प्रतिशत ही हो गई थी। हालांकि लॉकडाउन 2.0 के दौरान नए मामलों की वृद्धि दर 6.6 फीसद रही जो पहले चरण की तुलना में आधी से भी कम थी।
दोनों चरणों में मृत्यु दर
देश में कोरोना बीमारी से मरने वालों की दर 3.3 फीसद के आसपास है। लॉकडाउन के पहले चरण में कोरोना महामारी की मृत्यु दर 80 प्रतिशत थी, ये दर अब तक सबसे ज्यादा आंकी गई है। जबकि दूसरे लॉकडाउन के अंत तक मृत्यु दर गिरकर सात फीसद के आसपास आ गई थी।
रविवार तक के आंकड़ों के मुताबिक देश में कोरोना मरीजों के ठीक होने की दर बढ़कर 27 फीसद हो गई है। अब तक देश में इस महामारी से 11,000 के करीब मरीज पूरी तरह से ठीक हो चुके हैं। पिछले कुछ दिनों से एक ही दिन में कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या दो हजार से ज्यादा आ रही है।
किसी एक मरीज को बीमारी से ठीक होने में दो हफ्तों से ज्यादा का समय लगता है और एक ही दिन में दो हजार से ज्यादा संक्रमितों की संख्या आने से ठीक दर थोड़ी कम हो गई है। पहले लॉकडाउन के अंत में कुल मरीजों के ठीक होने की दर 28 गुना थी, पहला लॉकडाउन 25 मार्च से लागू किया गया था।
जबकि लॉकडाउन के दूसरे चरण के अंत में कुल मरीजों के ठीक होने की दर आठ गुना रह गई थी। कोरोना को हराने के लिए देश में दूसरा लॉकडाउन 15 अप्रैल को लगाया गया था।