
अनुविभागीय अधिकारी मनासा ने जांच दल गठित करने के लिए जिला कलेक्टर को लिखा पत्र,
मनासा।जिले की सबसे बड़ी जनपद पंचायत मनासा के जनपद सीईओ डी.एस. मशराम ने वर्ष 2021 के मार्च महीने में जनपद पंचायत मनासा का चार्ज लिया था। इससे पूर्व जनपद सीईओ मंदसौर जिले की मल्हारगढ़ जनपद में पदस्थ थे। वहां इनका कार्यकाल विवाद पूर्ण रहा था।
जनपद पंचायत मनासा में भी सीईओ लम्बे समय से पदस्थ रहे।उसके बाद उनका स्थानांतरण बैतूल जिले की मुलताई तहसील में हुवा।
मनासा जनपद सीईओ डी. एस. मशराम अनेकों मामलों में सुर्खियों में रहे है।
वही आरटीआई कार्यकर्ता द्वारा इनके कार्यकाल को लेकर एवं इनके कार्यकाल में हुवी जांचों को लेकर अनुविभागीय महोदय को शिकायत की गई है।
शिकायतकर्ता ने बताया कि जनपद सीईओ द्वारा जनपद निधि से ग्राम पंचायत सांडिया में लगभग साढ़े तीन लाख रुपये की राशि का भुकतान सामुदायिक भवन के नाम से कर दिया है। जब कि धरातल पर वहां कोई सामुदायिक भवन का कार्य नही हुवा है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार उक्त सामुदायिक भवन की राशि की रिकवरी के लिये आदेश भी पूर्व में हो चुके है। लेकिन अभी तक सीईओ के द्वारा कोई रिकवरी की राशि नही जमा करवाई गई है। ना हु पूर्व के पंचायत के जिम्मेदारों द्वारा कोई राशि जमा करवाई गई है।
इस पूरे मामले को लेकर जिले के अधिकारियों द्वारा भी जनपद सीईओ के ऊपर कोई ठोस कार्यवाही अभी तक नही की गई है।
वही जनपद सीईओ के कार्यकाल में विभागीय स्तर पर सामग्री खरीदारी, एवं स्टेशनरी आदि के क्रय में अनियमितता की गयी ! प्राप्त जानकारी के अनुसार ढोढरब्लॉक, दांता, फुलपुरा, चिकलीब्लॉक आदि पंचायतो में हुई शिकायतों में तत्कालीन जनपद सीईओ द्वारा आरोपियों के विरुद्ध कार्यवाही में शिथिलता बरती गयी, एवं इनके कार्यकाल में जीतनी भी शियायते हुई अधिकांश में जाँच में ध्रुव तिवारी एवं दीपक माली दोनों को रखा गया जो कही ना कही जाँच को प्रभावित करने की और सीधा इशारा दर्शाता हे ! वही शिकायतकर्ता द्वारा जनपद निधि से हुवे कार्यो की जांच, वाटर शेड परियोजना में हुवे कार्यो की जांच,वाटरशेड के समूहों की जांच, जनपद द्वारा नीलामी की गई दुकानों की प्रक्रिया की जांच जैसे अनेकों बिंदुओं पर जांच कर उचित कार्यवाही की मांग की गई है।
जनपद सीईओ मैशराम ने बातचीत में कहा कि मे रिलीव हो चुका हूं, और कार्यवाही उसकी जगह चल रही है।
SDM पवन बावरिया ने कहा कि आवेदन प्राप्ति के बाद आवेदन जिला कलेक्टर कार्यालय में से दिया है, जहां से जिला टीम घटित की है ताकि स्पष्ट जांच हो सके।