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इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (IAMAI) ने कहा कि पिछले महीने भारत सरकार द्वारा लॉन्च किए गए जैसे ऐप इस समय आरोग्य सेतु सोशल डिस्टेंसिंग और लॉकडाउन में रह रहे ग्राहकों का विश्वास जीत सकते हैं। पिछले 24 मार्च से देशव्यापी लॉकडाउन की वजह से लोग अपने घरों में ही रह रहे हैं। बेहद जरूरी होने पर ही लोग अपने घरों से बाहर निकल रहे हैं। IAMAI ने कहा कि अभी संकट की घड़ी खत्म नहीं हुई है। इस समय ग्राहकों के बीच विश्वास पैदा करना सबसे बड़ी चुनौती है। ऐसे में आरोग्य सेतु जैसे ऐप्स ग्राहको को बीच भरोसा पैदा करने में कामयाब होंगे। खास तौप पर बाजार और हॉस्पैटिलिटी सेक्टर के लिए इस तरह के ऐप कारगर साबित हो सकते हैं।
लॉकडाउन की वजह से हॉस्पैटिलिटी सेक्टर को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। सुपर मार्केट, मॉल्स, रेस्तरां और होटल का बिजनेस बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। IAMAI का मानना है कि आरोग्य सेतु जैसे कोरोनावायरस ट्रैकिंग ऐप्स की वजह से सभी सेक्टर में ग्राहकों के बीच भरोसा फिर से स्थापित किया जा सकता है। इस महामारी को देखते हुए ग्राहकों की सुरक्षा और हाइजीन पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। साथ ही, सेनिटेशन के स्टैंडर्ड को भी बढ़ाने की जरूरत है।
Aarogya Setu क्यों है जरूरी?
आपको बता दें कि पिछले दिनों ही केन्द्र सरकार ने आरोग्य सेतु ऐप को स्मार्टफोन यूजर्स के लिए अनिवार्य कर दिया है। इस ऐप की खास बात ये है कि ये स्मार्टफोन की ब्लूटूथ और GPS टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके यूजर को कोरोनावायरस के खतरों के बारे में आगाह करता है। इस ऐप को इस्तेमाल करने वाले यूजर को प्रोफाइल क्रिएट करते समय सेल्फ असेसमेंट टेस्ट के जरिए कुछ सवाल पूछे जाते हैं। अगर, यूजर उन सवालों के सही जबाब दे देता है तो यह ऐप बताता है कि आप कोरोनावायरस से सुरक्षित हैं या असुरक्षित। इसके अलावा इसमें आपके लोकेशन के पास कितने लोग संदिग्ध हैं और कितने लोग सुरक्षित हैं उसके बारे में भी जानकारी देता है।